जानिए कितना सोना होता है ओलंपिक खेल के गोल्ड मैडल में.
रियो ओलंपिक में कुल कितने मेडल बनवाये गए है?
रियो ओलंपिक के लिए 2488 मेडल का निर्माण हुआ जिसमें 812 गोल्ड, 812 सिल्वर और 864 ब्रोंज मेडल हैं। इन मेडल्स का व्यास 85 मिलीमीटर और वजन 500 ग्राम है। इस बार के मेडल्स अब तक हुए ओलंपिक में सबसे ज्यादा भारी हैं। इसमें ब्राजील की मिंट कंपनी ने बनाया है।
गोल्ड मेडल में सोना महज 1 फीसदी
ओलंपिक गोल्ड मेडल में महज 1 प्रतिशत सोना होता है। इसके अलावा उसमें 92.5 प्रतिशत चांदी और 6.5 प्रतिशत तांबा होता है। इस गोल्ड मेडल का मूल्य महज लगभग 38,000 रुपए होता है। अगर गोल्ड मेडल में 100 प्रतिशत सोना होता तो उसकी कीमत लगभग 15 लाख रुपए होती।
सिल्वर मेडल में पूरी तरह चांदी नहीं
ओलंपिक के सिल्वर मेडल में 100 प्रतिशत चांदी नहीं होता। इसमें 92.5 प्रतिशत सिल्वर और 7.5 प्रतिशत तांबा होता है। इसका मूल्य लगभग 22000 रुपए होता है।
ब्रोंज मेडल में क्या-क्या रहता है
ओलंपिक के ब्रोंज मेडल में 97 प्रतिशत तांबा, 2.5 प्रतिशत जस्ता और 0.5 प्रतिशत टिन होता है। इसका वैल्यू महज 315 रुपए के आसपास होता है।
क्या हमेशा ओलंपिक में मेडल मिलते रहे हैं
ओलंपिक में शुरू से मेडल नहीं दिए जा रहे हैं। प्राचीन काल के ओलंपिक खेलों में खिलाड़ियों को जीत पर जैतून की शाखाओं और पत्तियों से बने पुष्पचक्र दिए जाते थे। दुनिया में पहला आधुनिक ओलंपिक 1896 में ग्रीस के एथेंस में हुआ। लेकिन यहां विनर को रजत पदक और जैतून का पुष्पचक्र दिया गया। दूसरे पोजिशन पर रहने वाले खिलाड़ी को तांबे का मेडल और तीसरे स्थान पर रहने वाले खिलाड़ी को कांस्य पदक दिया गया। 1900 के गेम्स में जीतने वालों को कप और ट्राफी दिए गए। ओलंपिक को आयोजित करने वाले मेजबान देश यह तय करते थे कि खिलाड़ियों को पुरस्कार में क्या देना है।
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