कप्तान कोहली की कप्तानी में टेस्ट सीरीज़ में वेस्टइंडीज़ पर रिकॉर्ड जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम अब टी20 में वेस्टइंडीज़ टीम से एक ऐसा बदला लेना चाहेगी जिसका इंतज़ार धोनी एंड कंपनी को पिछले 5 महीनों से है.
जी हां इस साल की शुरूआत में करोड़ों भारतीय क्रिकेट फैंस का दिल तोड़ते हुए वेस्टइंडीज़ क्रिकेट टीम ने देश के वानखेडे क्रिकेट मैदान पर टीम इंडिया को हराकर वर्ल्ड टी20 से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
मैच की पहली पारी के बाद तक 192 रन बनाकर भारतीय क्रिकेट टीम जीत की प्रबल दावेदार नज़र आ रही थी लेकिन दूसरी पारी में वेस्टइंडीज़ के बल्लेबाज़ लेंडल सिमन्स ने सवा सौ करोड़ भारतीय फैंस का दिल तोड़ते हुए अपनी टीम को वर्ल्ड टी20 के फाइनल में पहुंचा दिया. जिसके बाद विंडीज़ टीम ने भारतीय सरज़मीं पर वर्ल्ड टी20 का खिताब जीतकर ही दम लिया.
वर्ल्ड टी20 2016 में वेस्टइंडीज़ से मिली हार का दर्द इसलिए भी बड़ा था क्योंकि साल 2011 विश्वकप की तरह ही वर्ल्ड टी20 का आयोजन भी भारत में हो रहा था और भारतवर्ष ने इस साल एक बार फिर से विश्वकप की यादों को ज़िंदा करने का सपना संजो लिया था. लेकिन वेस्टइंडीज़ के खिलाफ खेले गए उस एक सेमीफाइनल ने भारतीय टीम का एक बार फिर से विश्वविजेता बनने का सपना तोड़ दिया.
भारतीय टीम ने टेस्ट में तो अपनी बादशाहत बरकरार रखी लेकिन टी20 में पूरे 5 महीने बाद उसके पास इस साल मिली सबसे बड़ी हार का बदला लेने का मौका आया है. कप्तान धोनी एंड कंपनी इस बार फ्लोरिडा में वेस्टइंडीज़ पर जीत दर्जकर के भारतीय फैंस को मिले हार के उस दर्द को दूर करना चाहेंगे.
हालांकि दोनों टीमों के बीच खेले गए टी20 मैचों पर नज़र डाली जाए तो मामूली अंतर से वेस्टइंडीज़ की टीम भारत पर भारी दिखती है, दोनों टीमों के बीच अब तक 5 टी20 मुकाबले खेले गए हैं जिनमें 3 बार वेस्टइंडीज़ और 2 बार भारतीय टीम जीती है. आज एक बार फिर इस आंकड़े को भी बदलने का वक्त आ गया है.
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