महाराष्ट्र के नासिक के एक गाँव में एक किसान में दावा किया है की उसकी प्याज की कीमत नासिक मंडी में सिर्फ 5 पैसे किलो के भाव से ली गयी है हालांकि उस किसान ने अपनी प्याज को बेची नही है, बल्कि गुस्से में आकर इसके विरोध में किसानो ने अपनी सारी प्याज की फसल को वापस खेतो में ही दाल दिया।
हालांकि, व्यापारियों का कहना था की इस प्याज की फसल की गुणवत्ता इतनी ख़राब थी इसीलिए उसकी कीमत इतनी कम लगानी पड़ी।
निपाड़ तालुका के सुधाकर दराडे ने कहा की उनको साईखेड़ा की उप-कृषि उपज विपड़न समिति-एग्रीकल्चर प्रोडक्ट मार्किट कमेटी (APMC) में प्याज के लिए 5 रुपए प्रति 100 किलो का रेट लगाया गया। उनकी 1300 किलो की फसल लिए सिर्फ 65 रुपए का भाव लगाया गया।
इस पर किसानों ने कहा की उनका खर्चा प्याज की खेती पर 700 रुपए प्रति एकड़ का आया है और ट्रांसपोर्टेशन (प्याज को मंडी तक ले जाने खर्चा ) का खर्चा 780 रुपए का आया है। नासिक जिले को लाल प्याज की बहुत अच्छा माना जाता है।
हालांकि, व्यापारियों का कहना था की इस प्याज की फसल की गुणवत्ता इतनी ख़राब थी इसीलिए उसकी कीमत इतनी कम लगानी पड़ी।
निपाड़ तालुका के सुधाकर दराडे ने कहा की उनको साईखेड़ा की उप-कृषि उपज विपड़न समिति-एग्रीकल्चर प्रोडक्ट मार्किट कमेटी (APMC) में प्याज के लिए 5 रुपए प्रति 100 किलो का रेट लगाया गया। उनकी 1300 किलो की फसल लिए सिर्फ 65 रुपए का भाव लगाया गया।
इस पर किसानों ने कहा की उनका खर्चा प्याज की खेती पर 700 रुपए प्रति एकड़ का आया है और ट्रांसपोर्टेशन (प्याज को मंडी तक ले जाने खर्चा ) का खर्चा 780 रुपए का आया है। नासिक जिले को लाल प्याज की बहुत अच्छा माना जाता है।
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