समय बचाने के लिए रेलवे स्टेशन जाकर टिकट लेने की जगह ई-टिकट खरीद में बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन अब ई-टिकट खरीदने के लिए आपको अपनी जेब थोड़ी ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है।
रेलवे ने वित्त मंत्रालय से ई-टिकट पर सर्विस चार्ज फिर से लगाने की इजाजत मांगी है। अगर वित्त मंत्रालय इसे मंजूरी दे देता है तो यात्रियों को ई-टिकट के लिए सर्विस चार्ज देना पड़ेगा। आपको बता दें कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रेल बजट पेश करने के दौरान ई-टिकट पर सर्विस चार्ज हटाने की बात कही थी।
इसके अलावा जीएसटी लागू होने के बाद भी रेलवे का सफर थोड़ा और महंगा हो जाएगा। एसी क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों को जीएसटी लागू होने के बाद 4.5 फीसदी टैक्स की बजाए 5 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा।
गौरतलब है कि इससे पहले मई में सुरेश प्रभु ने कहा था कि हमे सेफ्टी फंड्स बढ़ाने की जरूरत है। सेफ्टी सेस के नाम पर जनरल टिकट धारकों पर भी मार पड़ने वाली है।
बताया जा रहा है कि, रेलवे में सेफ्टी के लिए करीब 20000 करोड़ का स्पेशल सेफ्टी फंड खर्च किया जाता है। रेलवे को अब तक 15000 करोड़ का फंड मिल चुका है, जिसमें से रेलवे 1 हजार करोड़ केंद्र से और 5000 करोड़ वित्त मंत्रालय से ले चुका है। जबकि बचा हुआ 5000 करोड़ वो अपने राष्ट्रीय रेल सरंक्षक कोष से इकट्ठा करने पर विचार कर रहा है।
रेलवे के पास इस 5000 करोड़ के लिए तीन रास्ते हैं, जिनमें पहला गैर-टैरिफ संसाधनों के जरिए, दूसरा माल भाड़ा दर में वृद्धि के जरिए और तीसरा विकल्प यात्री किरायों पर सेफ्टी सेस लागू करना है। रेलवे फिलहाल सभी तरह के विकल्पों पर गौर कर रही है।
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