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    Saturday, August 20, 2016

    सिंधू ने फाइनल में कैसे किया वर्ल्ड नंबर-1 का मुकाबला?

    अपने से बड़ी रैकिंग वाली सभी प्लेयर को हरा कर रियो ओलिंपिक के बैडमिंटन के फाइनल में पहुंचने वाली पीवी सिंधू वर्ल्ड नंबर-1 कैरोलिन मारिन से हार गईं। हालांकि, इसके बाद भी वे भारत की ओर से 21 साल की उम्र में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली एथलीट बन गईं। पहला सेट जीतने के बाद भी सिंधू के हारने के पीछे चार बड़े टर्निंग प्वाइंट रहे। स्पेन की मारिन के साथ सिंधू का मैच एक घंटे 20 मिनट चला। तीनों सेट में तीन बार सिंधू 5 प्वाइंट्स से पीछे हुईं। तीनों ही बार वापसी की, लेकिन दूसरे और तीसरे सेट में वे प्वाइंट के मार्जिन को कम नहीं कर पाईं। शुरू से ही प्वाइंट ब्रेक करने वाली मारिन ने सिंधू पर प्रेशर बनाए रखा। पहला सेट सिंधू ने जीता, पर दूसरे और तीसरे सेट में मारिन का एक्सपीरियंस भारी पड़ा। ANALYSIS: तीनों सेट में कौन-कहां रहा मजबूत...


    पहला सेट : सिंधू ने 9-13 से वापसी कर जीत हासिल की
    -मारिन: जब मैच शुरू हुआ तो स्पेन की कैरोलिन मारिन सिंधू को बैकहैंड पर शॉट देती रहीं। वे पूरे कॉन्फिडेंस के साथ क्लोज ड्रिबल करती रहीं। शुरुआती 13 प्वाइंट्स तक सेट पूरी तरह से मारिन के कंट्रोल में था।
    -सिंधू: मारिन ने लॉन्ग शॉट देतीं तो सिंधू भी उन्हें लॉन्ग रिटर्न करने को मजबूर करती रहीं। शुरू से पिछड़ रही सिंधू नेट प्ले में कामयाब हुईं। वो 9-13 के गैप को पहले 19-19 पर ले आईं और लॉन्ग शॉट्स लगाकर सेट 21-19 से जीत लिया। यह उनकी पहली वापसी थी।
    दूसरा सेट : मारिन ने नहीं दिया कोई मौका
    मारिन: शुरुआत से लॉन्ग शॉट्स सर्विस देकर सिंधू पर दबाव बनाया। सिंधू को सोचने-समझने का मौका नहीं दिया।
    - सिंधू: लय खोती दिखीं। शुरुआती शॉट साइड लाइन या बेस लाइन पर गिरे। बॉडी लाइन पुश कर कुछ प्वाइंट जीते। लेकिन टाइमिंग के साथ टैप करने में कामयाब नहीं हो पाईं और आखिर में सेट गंवा दिया। दूसरी जोरदार वापसी की। पर सेट 21-12 से हार गईं।
    तीसरा सेट : मारिन के काम आया एक्सपीरियंस
    मारिन: सिली मिस्टेक्स कर सिंधू को शुरुआती प्वाइंट्स दिए। गलत रिटर्न देकर प्वाइंट गंवाए। लेकिन जवाब में पावर गेम दिखाकर लीड ली।
    - सिंधू: बॉडी स्मैश देकर प्वाइंट जीते। फिर पावर गेम दिखाया। पेस के साथ शॉट लगाकर मारिन को सरप्राइज किया। 1-6 से पिछड़ रही थीं। तीसरी जोरदार वापसी कर 10-10 पर बराबरी की। बाद में खराब रिटर्न, खराब डिफेंस और वाइड सर्विस से प्वाइंट्स गंवा दिए। 14-19 से पिछड़ने के बाद सेट और मैच गंवा दिया।
    तीसरे और आखिरी सेट को ऐसे समझें
    सिंधू : 1-6 से पिछड़ रही थीं। वापसी कर 10-10 पर बराबरी की।
    - मारिन: 10-14 से लीड ले ली।
    - सिंधू: वापसी कर स्कोर 12-15 पहुंचाया। एक रिटर्न आउटर लाइन पर था। सिंधू ने रिव्यू मांगा और एक प्वाइंट गंवा दिया।
    - मारिन: गलत रिटर्न देकर 2 प्वाइंट गंवा दिए। स्कोर 14-16 हो गया।
    सिंधू: खराब डिफेंस के कारण दो प्वाइंट और वाइड सर्विस कर एक प्वाइंट गंवाया। स्कोर 14-19 हो गया। इसके बाद वापसी नहीं कर सकीं।
    मैच के चार टर्निंग प्वाइंट
    1. मारिन का उम्दा Drop Shot
    मारिन ने इस टेक्नीक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया। खासकर दूसरे और तीसरे सेट में।
    2. Rally नहीं कर पाईं सिंधू
    पहले सेट में सिंधू के जीत के पीछे सबसे बड़ा कारण था कि उन्होंने मारिन को 39 शॉट्स रैली खेलने पर मजबूर किया था। दूसरे और तीसरे सेट में वे ऐसा नहीं कर पाईं।
    3. गलत जजमेंट
    मारिन को ड्राॅप शॉट्स के बाद सबसे ज्यादा प्वाइंट्स सिंधू के गलत लाइन जजमेंट के कारण मिले।
    4. प्रेशर और स्ट्रैटजी
    - तीनों सेट में सबसे पहले मारिन ने ही टैली पर प्वाइंट्स की शुरुआत की। इससे सिंधू प्रेशर में आईं।
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    Item Reviewed: सिंधू ने फाइनल में कैसे किया वर्ल्ड नंबर-1 का मुकाबला? Rating: 5 Reviewed By: Hemant Verma
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