इंफ़ोसिस के सीइओ और एमडी विशाल सिक्का ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. उनकी जगह इंफोसिस के चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफ़िसर यूबी प्रवीण राव ने अंतरिम सीइओ और एमडी का पद संभाल लिया है.
सिक्का ने अपने पद से इस्तीफ़ा देने के बाद ब्लॉग लिखकर उन कारणों का जिक्र किया है जिनके चलते उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया.
व्यक्तिगत हमलों के साथ नौकरी संभव नहीं
सिक्का कहते हैं, "कई दिन, दरअसल हफ़्तों तक इस फैसले का भार मेरे सीने पर था. मैंने नफ़े-नुकसान समेत कई मुद्दों के बारे में विचार किया. लेकिन अब काफ़ी सोचने के बाद और बीती तिमाही के माहौल को देखते हुए मैं अपने फ़ैसले को लेकर साफ़ हूं."
"मेरे लिये ये साफ़ हो चुका है कि बीते तीन सालों की हमारी सफ़लताओं के बावजूद, मैं अपने ऊपर लग रहे आधारहीन व्यक्तिगत हमलों का बचाव करते हुए सीइओ के रूप में कंपनी को लाभ नहीं पहुंचा सकता."
सिक्का ने अपने पद से इस्तीफ़ा देकर एग्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन के पद को संभाला है.
सिक्का ने साल 2014 में कंपनी की कमान संभाली थी. सिक्का पहले ऐसे व्यक्ति थे जो कंपनी के संस्थापकों में शामिल नहीं थे और उन्होंने इंफ़ोसिस के सीइओ और एमडी पद को संभाला था.
अपनी नियुक्ति की घोषणा के बाद सिक्का ने कहा था, "मुझे इंफ़ोसिस का नेतृत्व करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. यह एक ऐसी प्रतिष्ठित कंपनी है जिसकी स्थापना तकनीकी उद्योग के अगुआ लोगों ने की थी. मैं दुनियाभर में फैले इंफ़ोसिस के दक्ष लोगों के साथ काम करने और उनसे कुछ सीखने को लेकर काफ़ी उत्सुक हूं.''
लड़ने के लिए है ज़िंदगी बहुत छोटी
सिक्का कहते हैं कि काफ़ी सोचने के बाद उन्होंने इस्तीफ़े का फैसला किया है क्योंकि सार्वजनिक रूप से हो रहे शोर शराबे से एक बेहद अस्थिर माहौल बन गया है.
वह कहते हैं, "मैं एक ऐसे माहौल में काम करना पसंद करता हूं जहां लोग आज़ाद महसूस करें. क्योंकि सार्वजनिक रूप से धारणाओं की लड़ाई में उलझने के लिए ज़िंदगी बेहद छोटी है."
परिवार के साथ वक़्त बिताने की इच्छा
सिक्का ने अपने ब्लॉग में लिखा है, "अगले कुछ हफ़्तों और महीनों तक मैं बोर्ड और प्रबंधन के साथ बेहतर ढंग से नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया को पूरा करना चाहता हूं. इसके बाद मैं कुछ अलग करना चाहता हूं, मैं अपने परिवार के साथ भी समय बिताना चाहता हूं जिनसे में अक्सर ही काफ़ी दूर रहा हूं."
सिक्का की तनख़्वाह को लेकर विवाद
विशाल सिक्का इन्फ़ोसिस में अपनी तनख़्वाह को लेकर भी विवादों में रहे हैं. बीते साल उनकी तनख्वाह 70 लाख डॉलर से बढ़कर 1 करोड़ 10 लाख डॉलर सालाना हो गई थी.
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